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पढ़ने के बाद खुद बखुद शेयर करने पर मजबूर हो जाएंगे  इंशाअल्लाह.. मस्जिद ए नबवी में जमाअत हो रही थी. इमामुल अम्बिया जमाअत करा रहे थे..  पढ़ने वाले मुक़्तदी चारों खलीफा थे.  हज़रत इमाम हुसैन की उम्र शरीफ 6 साल थी..  मदीना शरीफ की गलियों में खेल रहे थे. और मस्जिद में आ गए. नाना के मुसल्ले की तरफ देखा....  नाना सजदे में गये नवासे ने छलांग लगाई और कंधे पर बैठ गये  अर्श वाले हैरान...  फरिश्ते दमबखुद रह गए, मगर रूहे फितरत मुस्कुरा रही थी...  हज़रत जिबरईल पुकार उठे मौला ये क्या तमाशा है....  अल्लाह ने फरमाया जिबरईल खामोश हो जाओ... जिसे बच्चे को तुम सज्दे की हालत में मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कंधों पर देख रहे हो इसी बच्चे हुसैन को कल नेज़े पर चढ़ कर कुरआन पढ़ते भी देखना... आक़ा ने इरादा किया कि सज्दे से सर उठाऊं..  इतने में हज़रत जिब्रईल आए और फरमाने खुदावन्दी सुनाया जबतक हुसैन अपनी मर्ज़ी से न उतरें तुम सज्दे से सर न उठाना..  कमली वाले आक़ा ने नमाज़ लम्बी कर दी और 72 दफा तस्बीह पढ़ी...  हज़रत हुसैन अपनी मर...
एक तावीज़.... एक ख़ातून एक मौलवी साहब के पास गई, "मौलवी साहब! कोई ऐसा तावीज़ लिख दें कि मेरे बच्चे रात को भूक से रोया ना करें।" मौलवी साहब ने तावीज़ लिख दिया। अगले ही रोज़ किसी ने पैसों से भरा थैला घर के सहन में फेंका, थैले से एक पर्चा निकला, जिस पर लिखा था, कोई कारोबार कर लें...। इस बात पर अमल करते हुवे उस औरत के शौहर ने एक दुकान किराए पर ले ली, कारोबार में बरकत हुई, और दुकानें बढ़ती गईं। पैसों की बारिश सी हो गई...। पुराने संदूक़ में एक दिन औरत की नज़र तावीज़ पर पड़ी।  "न जाने मौलवी साहब ने ऐसा क्या लिखा था?" तजस्सुस में उसने तावीज़ खोल डाला...। लिखा था कि: "जब पैसों की तंगी ख़त्म हो जाये, तो सारा पैसा तिजोरी में छिपाने की बजाय कुछ पैसे ऐसे घर में डाल देना जहाँ से रात को बच्चों के रोने की आवाज़ें आती हों...।"

Ramzan mubarak

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"मैं इत्र से महकूँ ये आरज़ू नहीं;    कोशिश है मेरे किरदार से खुशबू आये..!
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Pasah 786

हार्दिक बधाई 🌷

🥀 हार्दिक बधाई 🌷 कल से देश के ब्यापारी अपने लाभ हानि को छोड़कर देश और सेना के साथ खड़े नजर आ रहे हैं कल नोएडा के व्यापारियों ने 150 करोड़ के चायना का मॉल का ऑर्डर क्या कैन्सल किया कि  आज शाम तक केवल एनसीआर से लगभग 1500 करोड़ और अगर चीन की बौखलाहट देखे तो पुरे देश से लगभग 2 अरब डॉलर का ऑर्डर कैन्सल हुआ है । तभी तो आज चीन की  सरकारी एजेंसी सिन्हुआ के प्रेस की अपने राष्ट्पति से दिल्ली पर लगाम लगाने जैसे शब्दों का इश्तेमाल किया, अभी तो 2 अरब पर यह हाल है जिसदिन 62 अरब डॉलर बन्द होगा तब क्या होगा । NSG और मसूद अजहर पर बार 2 वीटो करने वाले चीन को हमारे देश के व्यापारियों ने घुटने के बल पर ला दिया वह भी बिना सरकारी आह्वाहन के अब अगर हम लोग भी चीन के सामान का खरीदारी ही बन्द कर दे तो ब्यापारी बेचेंगे ही नही । फिर भी आज से जो भी व्यापारी चीन के सामान का बहिष्कार किये वह वाकई सम्मान के पात्र है । देश हित में जनता जब एकजुट होती है तो रिजल्ट निकलता है जो विश्व में देश की ताकत का एहसास कराता है और तभी एक सम्प्रभु भारत का निर्माण होता है...सच्चे देश प्रेमी पढ़ के आगे ग्रुप में जरू...